કવિતા શાહ ~ એક હિન્દી રચના

અને આ જ કવિની બીજી એક હિન્દી રચના

ना सही अच्छी बुरी तो थी नहीं

जिंदगी हम से रूठी तो थी नहीं

जिंदगी ये आप के आने तलक

चल रही थी यूं रुकी तो थी नहीं

बन गया यूं रेत का घर इंतजार

आंख में कोई नमी तो थी नहीं

एक मुकम्मल सी गजल कैसे लिखें

तेरी मेरी सी बनी तो थी नहीं

आप आए और देखो हादसा

जिंदगी अब जिंदगी तो थी नहीं

हम गवां बैठे तेरे आने से सब

जुस्तजू जो थी बची तो थी नहीं

~ कविता शाह

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