इस पद का अर्थ बताओ !
इस पद का अर्थ बताओ !
चार मिले चौंसठ खिले,
बीस रहे कर जोड़!
प्रेमी सज्जन दो मिले,
खिल गए सात करोड़!!
इस पद का अर्थ जानते हो ? ….
चार मिले – मतलब जब भी कोई मिलता है, तो सबसे पहले आपस में दोनों की आंखें मिलती हैं, इसलिए कहा, चार मिले !
फिर कहा, चौसठ खिले –
यानि दोनों के बत्तीस-बत्तीस दांत – कुल मिलाकर चौंसठ हो गए, इस तरह “चार मिले, चौंसठ खिले” हुआ!”
“बीस रहे कर जोड़” – दोनों हाथों की दस उंगलियां – दोनों व्यक्तियों की 20 हुईं – बीसों मिलकर ही एक-दूसरे को प्रणाम की मुद्रा में हाथ बरबस उठ ही जाते हैं!”
“प्रेमी सज्जन दो मिले” – जब दो आत्मीय जन मिलें – यह बड़े रहस्य की बात है – क्योंकि मिलने वालों में आत्मीयता नहीं हुई तो “न बीस रहे कर जोड़” होगा और न “चौंसठ खिलेंगे”
उन्होंने आगे कहा, “वैसे तो शरीर में रोम की गिनती करना असम्भव है, लेकिन मोटा-मोटा साढ़े तीन करोड़ बताते हैं, बताने वाले ! तो कवि का अंतिम रहस्य – “प्रेमी सज्जन दो मिले – खिल गए सात करोड़!”
तो कवि ने अंतिम पंक्ति में पूरा रस निचोड़ दिया – “खिल गए सात करोड़” यानि हमारा रोम-रोम खिल जाता है!”
है न सुंदर बात !
પ્રતિભાવો